राधा अष्टमी व्रत कथा: सुनने मात्र से बरसेगी राधा और लक्ष्मी की विशेष कृपा
राधा अष्टमी व्रत कथा
राधा अष्टमी का व्रत भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण की प्रियतमा राधा का जन्म हुआ था। राधा अष्टमी का व्रत रखने से भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही, इस व्रत को करने से सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन में खुशियों की प्राप्ति होती है। राधा अष्टमी के दिन व्रत रखने और राधा अष्टमी व्रत कथा सुनने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
राधा अष्टमी व्रत कथा का महत्व
राधा अष्टमी व्रत कथा का महत्व इस प्रकार है:
- राधा अष्टमी व्रत कथा सुनने से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।
- राधा रानी की कृपा से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
- राधा अष्टमी व्रत कथा के पाठ से भाग्य और लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
राधा अष्टमी व्रत कथा के पाठ से भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही, इस व्रत को करने से सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन में खुशियों की प्राप्ति होती है। इसलिए, राधा अष्टमी के दिन व्रत रखने और राधा अष्टमी व्रत कथा सुनने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
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